।। गांव की एक लड़की ।। Real Story In Hindi

 ।। गांव की एक लड़की ।। Real Story In Hindi ।।

                 


             यह कहानी पढ़ने के बाद लड़का हो या लड़की हो यह समझ में आ जाएगा कि आज भी सच्ची मोहब्बत किया जा सकता है और आज भी प्रेम नाम की शब्द धरती पर कायम है।

           एक गांव था जिसका नाम था भानु बीघा यह गांव बहुत ही खूबसूरत सौंदर्य से दिखने वाली चारों तरफ से हरियाली छाई हुई एक माने तो प्रकृति का परिपूर्ण रूप से जीता जागता उदाहरण था इस गांव के दो तरफ नदी बहती थी वही नदी के किनारे पर एक बहुत ही खूबसूरत बगीचा था इस बगीचे के अंदर बहुत सारे प्रकार का पेड़ पौधे लगे हुए थे बहुत सारे फल बहुत सारे फूल इत्यादि जैसे पौधे से इस जंगल का खूबसूरती और भी निखर कर सामने आ रही थी इसी गांव में सितारा नाम की एक बहुत ही लोअर फैमिली से बिलॉन्ग करने वाले लड़की रहती थी सितारा के पिता बहुत ही गरीब है और सितारा की मम्मी दूसरे की यहां बर्तन मांगने जाती थी घर में दानिश स्थिति अच्छी न होने के कारण ज्यादा पढ़ाई लिखाई नहीं कर सकी बस सितारा किसी भी तरह से 8 का एग्जाम देकर घर पर रहने लगी थी बस सितारा की मम्मी उन्हें कुछ बकरियों को देख करने की इजाजत दी सितारा प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे के बीच खाना खाकर और अपने थैला में चार-पांच रोटी लेकर बकरी के साथ जंगल की ओर चल देती थी सितारा का रोज यही दिनचर्या था सितारा प्रतिदिन बकरी को लेकर जंगल जाता और वापस बकरी को घर लेकर आता खाना बनाती और फिर मम्मी पापा का सेवा भी करते ।

          कहां जाता है की 17 18 साल के बाद एक ऐसी उम्र आती है जिसमें लड़का को लड़की के प्रति लड़की को लड़का के साथ अट्रैक्शंस की लगाओ थोड़ा बढ़ जाती है किसी भी कुणाल नाम का एक लड़का जो की रोज इस जंगल में लड़कियां काटने जाता था ताकि उसके घर में खाना बन सके कुणाल का घर नदी के पर उसे गांव में था जहां की दैनिक स्थिति इस गांव से भी खराब थी कुणाल नदी पार होकर आता लकड़ी लेकर वापस शाम को घर जाता था कुणाल एक दिन साथ में पानी लाना भूल गया और उसे बहुत जोरों का पियास लगा हुआ था जैसे हैं उसे इस लड़की को दिखा तो उसे प्यास की तड़प ने उसके पास जाने पर मजबूर कर दिया माना जाता है कि पहले की जमाना में लड़की और लड़का में बहुत ज्यादा दूरी हुआ करता था मैं लड़की लड़का से बात कर सकता है और लड़का लड़की से बात कर सकता हूं पहले की जमाना में बहुत दूरी बनाकर रखा जाता था और लड़की को अपना घर की इज्जत सामान प्रतिष्ठा के साथ देखा जाता था लेकिन कुणाल मजबूर होकर उसे लड़की के पास चला जाता है उसके बाद बोलता है थोड़ी मुझे पानी पिला दो मुझे बहुत जोरों का पियास लगा है सितारा बहुत ही सिंपल लड़की थी पहले तो उसने डर गया इसको देखकर फिर उसने सोचा कि अगर इसको हम पानी नहीं देंगे तो फिर यह प्यासी मर जाए और फिर इसी तरह से कुणाल और उसके बीच बात हुई बात दिल्ली होते गया बढ़ाते गया और इसी तरह से दिल्ली का दिल्ली उससे मिलने लगा मिलते जुलते पता ही है सबको प्यार बहुत अलग चीज होता है उसे दोनों को भी बीच में प्रेम हो गया और फिर दोनों की मां-बाप नहीं माने और फिर दोनों को बिछड़त हो गया आज भी कहा जाता है उसे नदी से आवाज आती है दोनों के बिछड़ाओं का और यह नदी है जो हर प्रेमी प्रेमिका के लिए बहुत ही उत्तरदायित्व आप इस नदी का अगर नाम जानते हैं तो बता सकते हैं कौन सी नदी है जो आज भी उपस्थित है और वहां लोग पर्यटन के लिए जाते हैं अगर कहानी अच्छी लगी है थैंक्स फॉर रीड थिस स्टोरी

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